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हिंदी मूलतः आर्य परिवार की भाषा है। इसकी लिपि देवनागरी है, जिसका विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है।
हिंदी के विकास में वैदिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश एवं विदेशी भाषाओं जैसे अरबी, फारसी आदि का योगदान है।
हिंदी भाषा
हिंदी मूलतः आर्य परिवार की भाषा है। इसकी लिपि देवनागरी है, जिसका विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है।
हिंदी के विकास में वैदिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश एवं विदेशी भाषाओं जैसे अरबी, फारसी आदि का योगदान है।
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वर्ण (अक्षर)
भाषा की सबसे छोटी मौखिक ध्वनि या उसके लिखित रूप को वर्ण कहा जाता है। वर्ण का अर्थ अक्षर भी होता है। जिसका अर्थ – अनाशवान है। अतः वर्ण अखंड मूल ध्वनि का नाम है। जिसके खंड नहीं हो सकते हैं।
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वर्णमाला
किसी भाषा के मूल ध्वनियों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्णमाला का विकास अपभ्रंश भाषा से हुआ है। वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या 52 होती है।
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Nehal
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